Moral stories for kids


खरगोश की कहानी।

moral stories for kids

एक दिन, एक छोटा खरगोश अपनी माँ से कहता है, माँ मैंने पहाड़ी ढलान पर बहुत सारे मशरूम के पौधे देखे हैं। तुम कहो तो मैं तुम्हारे लिए सभी मशरूम को लेकर आता हूँ।

माँ खरगोश कहती है, यह बहुत अच्छी बात है कि तुम मेरी मदद करना चाहते हो। लेकिन याद रखना , बहुत दूर नहीं जाना क्यूंकि आगे जंगल है।

"ठीक है, माँ," छोटा खरगोश कहता हैं। वह एक छोटी सी टोकरी लेता है, और खुशी से घर से बाहर निकलता है।

वह जल्द ही पहाड़ पर पहुँच जाता है और देखता है कि पहाड़ के ढलान पर बहुत सारे मशरूम हैं। छोटा खरगोश जल्दी जल्दी सारे मशरूम उठाता है। जल्द ही उसकी टोकरी मशरूम से भर जाती है।

अचानक छोटा खरगोश पास में एक बड़े भेड़िये को देखता है, उसे भागने का समय नहीं मिल पाता। वह बहुत भयभीत हो जाता है, तभी उसे एक विचार आता है।

 छोटा खरगोश नाटक करने लगता है और चिल्लाने लगता है कि मेरे पेट में बहुत दर्द है और वह अपना पेट दबाए रहता है।

भेड़िया छोटे खरगोश के पास आता है और पूछता है कि तुम्हें क्या हुआ? तुम चिल्ला क्यूँ रहे हो?

खरगोश ने कहा "मैंने कुछ ज़हरीले मशरूम खाए होंगे ,खरगोश रोने का नाटक करने लगता है। “मेरा पेट बहुत दर्द कर रहा है, हो सकता है थोड़ी देर में मैं मर जाऊंगा।

छोटा खरगोश जमीन पर लुढ़कता है, फिर वह अपनी आँखें बंद कर लेता है और मृत होने का नाटक करता है।

भेड़िया छोटे खरगोश को देखता है। वह सोचता है, “खरगोश का मांस स्वादिष्ट है, लेकिन इसके पेट में जहर है यदि मैं इसे खाता हूँ तो मेरे शरीर मे भी जहर फैल जाएगा।

भेड़िया थोड़ी देर खरगोश को सूँघता है और फिर वह खरगोश को पीछे छोड़ते हुए चला जाता है।

जब भेड़िया दूर होता है, तो छोटा खरगोश जल्दी से उठ जाता है। वह अपनी टोकरी उठाता है। वह जितनी जल्दी हो सके घर भाग जाता है।

छोटा खरगोश अपनी माँ को बड़े भेड़िये से मिलने के बारे में बताता है। वह उसे बताता है कि उसने खुद को बचाने के लिए क्या किया है।

छोटे खरगोश की बात सुनने के बाद, माँ खरगोश खुशी से उसे गले लगा लेती है। "आप कितने चालाक बच्चे हैं!" वह गर्व से कहती है।


नैतिकता:


सोच समझकर और बुद्धिमानी से काम लें, मुश्किल परिस्थितियों में अपना आपा ना खोएँ।


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